नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करने वाले है। भारत के 11 सबसे अच्छे ज्योतिर्लिंग | Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi तो लास्ट तक जरूर पढ़े यहाँ से आपको एक अच्छा ज्ञान प्राप्त होगा।
Top Jyotirlinga To Visit in India
ज्योतिर्लिंग यानी कि रोशनी का प्रतीक। हमारे भारत वर्ष में कुल मिलाकर 12 जगोतिर्लिंग है । पुराणों के हिसाब से जहा जहा भगवान शिव ने स्वयं जन्म लिया वहाँ ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई । ऐसा कहा जाता है कि धार्मिक जीवन पूर्ण करने के लिए इन 12 जगहों की यात्रा करना जरूरी है । शिवपुराण के कोटि रुद्र संहिता में इन 12 ही ज्योतिर्लोंगो के बारे में बताया गया है । ज्योतिर्लिंग के दर्शन से हमें मोक्ष की प्राप्ति होती है लेकिन अगर हम रोजाना इनके नाम का जाप भी कर ले तो हमारे सकरे कष्ट दूर हो जाते है ।
इस लेख में हम इन 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में पढ़ेंगे कि ये कहा कहा स्थित है , इनकी क्या मान्यताये है और भी बहुत कुछ तो चलते है हमारे प्रथम जगोतिर्लिंग की और ।
1 सोमनाथ ज्योतिर्लिंग:
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गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में स्थित है ये ज्योतिर्लिंग । पहले इस क्षेत्र को प्रभास क्षेत्र के नाम से जाना जाता था । ऐसा बताते है कि राजा दक्ष के 27 पुत्रियों का विवाह चंदमा से करवाया गया । चंदमा सभी रानियों को अच्छा रखते
थे । कुछ दिनों बाद एक रानी जिनका नाम रोहिणी था चंदमा उनको ज्यादा प्रेम करने लगे थे । इस कारण बाकी सारी रानिया परेशान रहने लगी और ये बात अपने पिता दक्ष को बताई । दक्ष ने इस बारे में चंदमा से बात की और उन्हें बताया कि आपका धर्म सभी रानियों को समान प्रेम करने का है अतः आप सभी रानियों से समान बरताव करे ।
लेकिन चंदमा पर इस बात का कोई विशेष प्रभाव नही पड़ा और वे दिनों दिन रोहिणी से और ज्यादा प्रेम करने लगे । इससे गुस्सा होकर राजा दक्ष ने चंदमा को श्राप दे दिया कि “चंदमा तुम्हारा क्षय हो “ । ऐसा कहते ही चंदमा क्षय युक्त हो गए और पृथ्वी सहित तीनों लोकों में हाहाकार मच गया । Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
इसको देखते हुए राजा इंद्र और बाकी देवता गण ब्रह्मा जी के पास गए । ब्रह्माजी ने इसके निवारण के लिए एक उपाय बताया कि चंदमा से कहो कि प्रभास क्षेत्र में जाकर माह मृत्युंजय मन्त्र का जाप करने से उनका ये श्राप समाप्त हो जाएगा ।
चंदमा ने ब्रह्माजी के बताए अनुसार प्रभास क्षेत्र में जाकर 6 माह तक तपस्या करी । उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी प्रकट हुए और कहा कि तुम्हारा क्षय महीने में 15 दिन घटेगा और 15 दिन, इस कारण तुम लोक प्रिय और सुंदर हो जाओगे । Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
उसके बाद शिव जी ने वही साकार रूप ले लिया इसके चलते वे एक शिवलिंग बन गए ।ये ही ज्योतिर्लिंग है सोमनाथ का ।
सोमनाथ को सोमेश्वर भगवान भी कहा जाता है । सोमनाथ में बाकी देवताओ ने सोमनाथ कुंड की स्थापना की जिसमे ब्रह्माजी और शिवजी का वास माना जाता है
मलिकार्जुन ज्योतिर्लिंग :
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मलिकार्जुन ज्योतिर्लिंग हैदराबाद के श्रीशैलम नामक जगह पर स्थित है । मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिग का उल्लेख हमारे शिवपुराण में उपलब्ध है । ऐसा माना जाता है कि एक बार शिवजी और पार्वतीजी के दोनों पुत्र कार्तिक है और गणेश जी के बीच में शादी को लेकर झगड़ा हो गया। वे दोनों अपने माता पिता के पास गए और उन्होंने ये बात अपने माता पिता को बताई । शिवजी और पार्वतीजी ने अपने दोनों पुत्रों को ये बताया की जो भी इस पृथ्वी का सबसे पहले भ्रमण करके आ जाएगा उसकी शादी सबसे पहले करा दी जाएगी इतना सुनते ही कार्तिके अपने मोर की सवारी करते हुए जल्दी से वहाँ से निकल गए पृथ्वी की यात्रा करने के लिए लेकिन गणेशजी के पास चूहा था जिसकी चाल वैसे ही कम होती है उन्होंने चतुराई से काम लिया और अपने माता पिता को एक स्थान पर बैठने के लिए बोला माता पिता के बैठ जाने पर गणेशजी ने उनके सात बार परिक्रमा की। ऐसा देखकर शिवजी और पार्वती बहुत खुश हुए और उनकी शादी करवा दी कुछ समय बाद जब कार्तिकेय पृथ्वी की परिक्रमा करके वापिस लौटे तो उन्होंने देखा गणेश की शादी हो चुकी है इससे वे बहुत दुखी हुए और वहाँ से अपने वाहन मोर पर निकल गए गुस्से में निकले हुए कार्ति के रोज़ पहाड़ी पर पहुंचे और वहीं रहने लगे माता पार्वती और पिता शंकर जी ने देवर्षि नारद को भेजा कार्तिकेय को मनाने के लिए लेकिन कार्तिकेय नहीं माने ।कुछ दिनों बाद माता पार्वती को कार्तिकेय की बहुत याद आने लगी उन्होंने यह बात शिवजी को बताई। शिव और पार्वती दोनों क्रोज पहाड़ी की ओर चल पड़े। माता पिता के आने की सूचना मिलते ही कार्तिकेय वहाँ से निकल गए।कार्तिकेय के चले जाने के बाद भगवान शिव उस पहाड़ी पर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए। इस ज्योतिर्लिग का नाम मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिग कहलाया। मल्लिका यानी की पार्वती और अर्जुन मतलब शिवजी तो दोनों मिलके मल्लिकार्जुन कहलाये। Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
3 महाकाल ज्योतिर्लिंग :
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महाकाल नाम से प्रसिद्ध यह ज्योतिर्लिग मध्यप्रदेश के अवंती नगर जोकि आजकल उज्जैन नाम से जाना जाता है वहाँ पर स्थित है। अवन्ति नगर में एक वेदप्रिय नामक ब्राह्मण रहते थे वे अग्नि को प्रज्वलित करके महादेव की पूजा किया करते थे । वेद प्रिय जी के चार पुत्र थे वो चारों पुत्र वेद प्रिय जी की तरह ही पूजा में व्यस्त रहते थे । रत्नगिरी नाम के पर्वत पर दूषण नाम का एक राक्षस रहता था उसने ब्रह्मा जी की पूजा अर्चना करके उनको प्रसन्न कर दिया औ अजेय होने का वरदान मांगा । ब्रह्मा जी ने दूषण राक्षस को अजेय होने का वरदान दे दिया । वरदान मिलते ही यह राक्षस बहुत ही भयानक हो गया और चारों तरफ़ हमला करने लगा पूरे भारत को यह तहस नहस करने के बाद राक्षस अवंती नगर के ब्राह्मणों को परेशान करने के लिए वहाँ चला गया ।वहां ब्राह्मणों पर अत्याचार करने लगा बाद में दूषण , वेद प्रिय जी के चारों लड़कों को मारने के लिए आश्रम में पहुँचा । उस समय वेदप्रिय जी के चारों पुत्र महादेव की पूजा अर्चना कर रहे थे उनकी पूजा को देखकर राक्षस को गुस्सा आ गया और उसने उन्हें मारने का आदेश दे दिया। जैसे ही राक्षस उन्हें मारने के लिए आगे बढा महादेव जी के शिवलिंग के वहाँ से धरती फटी और उसमें से क्रोधित शिवजी बाहर निकलें और उन्होंने अपनी फुंकार से उस राक्षस को मार गिराया। चारों पुत्रों की आराधना से खुश होकर भगवान ने उन्हें वरदान मांगने के लिए बोला चारों पुत्रों ने मोक्ष की प्राप्ति के लिए वरदान मांगा और कहा कि प्रभु आप यही विराजमान हो जाईये जिससे लोगों का कल्याण हो। शिवजी वहीं विराजमान हो गए। Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग:
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मध्यप्रदेश के शिवपुरी नामक स्थान पर स्थित है यह ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिग । एक बार की बात है , देवऋषि नारद विंध्य पर्वत जा पहुँचे विंध्य पर्वत में देवऋषि को प्रणाम किया और उनका स्वागत किया। विंध्य पर्वत को अपने स्वयं के ऊपर बहुत अभिमान था पुणे देवऋषि को बोला कुछ मेरे पास सबकुछ है मेरे में कोई कमी नहीं है इस अहंकार को न मानते हुए देवऋषि नारद ने विंध्याचल को बोला तुम्हारे पास कोई कमी नहीं है लेकिन सुमेरु पर्वत इतना ऊंचा है उसकी चोटी देवलोक जाती है कुछ तुमने नहीं डालें विंध्य पर्वत इससे बहुत दुखी हुआ और शिवजी की तपस्या करने लगा उसने जहाँ ओमकार लिखा हुआ है वही शिव जी की छह महीने तक तपस्या करी। तपस्या से प्रसन्न होकर वहाँ शिवजी भगवान प्रकट हुए और उन्होंने विंध्याचल से पूछा कि पुत्र क्या वरदान चाहते हो विंध्याचल ने बोला है प्रभु मुझे ऐसी बुद्धि दीजिए जिससे मैं जो भी काम करूँ वह सफल हो जाए शिव जी ने उनको यह वरदान दे दिया उसी समय देवता और ऋषि कण भी वहाँ आ गए और उन्होंने शिवजी को कहा कि प्रभु आप लोक कल्याण के लिये यही निवास करें शिवजी ने प्रसन्न होकर वही निवास करने का मन बना लिया । वहाँ जो शिवलिंग था प्रभु ने उसी में वास किया और वो शिवलिंग दो भागों में विपक्ष हो गया उनमें से एक ओंकार और दूसरा परमेश्वर नाम से प्रसिद्ध हुआ और ये ही ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिग कहलाया। Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
5 केदारनाथ ज्योतिर्लिंग :
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पुराण में ऐसा बताया गया है कि भगवान विष्णु के अवतार नर और नारायण दोनों ने बद्री पहाड़ पर शिवजी की पूजा अर्चना की । वे रोजाना एक नया पार्थिव शिवलिंग बनाते थे और उसकी पूजा करते थे ऐसा बताते हैं कि भगवान शिव रोजाना उस पार्थिव लिंग में प्रवेश करते थे। छह महीने की कठिन तपस्या के बाद नर और नारायण पर भगवान शिव प्रसन्न हुए और वहाँ अवतरित हुए और उन्होंने उन्हें वरदान मांगने को कहा नर और नारायण ने भगवान शिव से कहा है प्रभु आप लोक कल्याण के लिए यही स्थापित हो जाइऐं। भगवान शिव उसी शिवलिंग में विराजमान हो गए इसी जगह का नाम केदारनाथ । Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग :
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पुराने जमाने में एक भीम नाम का राक्षस हुआ करता था क्योंकि बहुत ही पराक्रमी था पराक्रमी वह अपनी माता के साथ सहाय पर्वत पर निवास करता 1 दिन उसकी माँ से उसने पूछा मेरे पिता कौन हैं और आप यहाँ पर अकेली क्यों रहते हैं तो उसकी माँ ने बताया कि तुम्हारे पिता महाराज रावण के छोटे भाई कुंभकरण है थे जिनका वक्त काम नहीं कर दिया। इस बात से राक्षस क्रीम को बहुत गुस्सा आया और राम से बदला लेने के वो वहाँ से निकल गया 1000 वर्षों तक उसने ब्रह्मा जी की कड़ी तपस्या करें ब्रह्मा जी ने प्रसन्न होकर उसे वरदान मांगने के लिए कहा राक्षस प्रेम ने से अपने बल के लिए वरदान मांगा कि कोई भी नहीं उसकबल को कम न कर सकें और ब्रह्माजी ने उसे वरदान दे दिया। ब्रह्माजी से वरदान पाने के बाद सबसे पहले राक्षस भीम देवलोक चला गया देवलोक पर अपना आधिपत्य जमाने के बाद देवताओं ने विष्णु को राक्षस गेंद से लड़ने के लिए भेजा लेकिन कृष्ण भगवान भी राक्षस भीम से हार गए । उसके बाद उसने धरती की तरफ कुछ किया। धरती पर आक्रमण करने के बाद उसने सबसे पहले कामरूप नगर के राजा सुदिक्षण पर आक्रमण किया इस युद्ध में राजा सुदीक्षण टीम से हार गए राजा सुदक्षिण को राक्षस टीम ने बंदी बना लिया कारागृह में राजा सुदीक्षण ने शिव जी की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा अर्चना शुरू करें कई दिनों तक वो उनकी भक्ति में लीन रहे 1 दिन राक्षस के एक गण ने राक्षस को बताया की राजा सुदीक्षण कोई पूजा अर्चना कर रहा है उसी समय क्रोधित होकर राक्षस भीम कारागृह में गया और शिवलिंग पर अपनी तलवार से वार किया परन्तु तलवार शिवलिंग को छू भी न पाई उसी क्षण शिव जी प्रकट हुए और दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया अंततः चीन है राक्षस का वध कर दिया और राजा सुदिक्षण के कहे अनुसार वो वही बस गए। इस तरह से इस ज्योतिर्लिङ्ग का नाम भीमा शंकर कहलाया। भीमा शंकर ज्योतिर्लिङ्ग महाराष्ट्र में स्थित है। Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
7 विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग:
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बसा है काशी विश्वनाथ । पुराणों में ऐसा बताया गया है कि शिव और पार्वती के विवाह के पश्चात शिवजी और पार्वती कैलाश पर्वत पर जाकर रहने लगे । कुछ दिनों बाद पार्वती जी को अपने मायके की याद आने लगी तो उन्होंने शिवजी से कहा कि प्रभु सारी स्त्रियां शादी के बाद अपने पीहर जाती है तो मैं क्यों नहीं जा रही उस पर शिवजी ने पार्वती जी को अपने साथ लिया और काशी विश्वनाथ चले आए इस तर
ह से काशी विश्वनाथ की स्थापना हुई।
8 त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग :
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त्रयम्बकेश्वरर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक के त्र्यम्बक नामक जगह पर विद्यमान है । शिवपुराण के हिसाब से पुराने जमाने में गौतम नाम के महर्षि हुआ करते थे उनकी पत्नी का नाम अहिल्या था। एक बार की बात है गौतम ऋषि जहाँ रहते थे वहाँ सो सालों तक बारिश नहीं हुई थी उस कारण से वहाँ से लोग पलायन करने लगे थे चारों तरफ अकाल पड़ गया था इस बात से दुखी गौतम ऋषि बहुत व्यथित हुए और उन्होंने वरुण देव की आराधना शुरू कर दी । तपस्या से प्रसन्न होकर वरुण देवता प्रकट हुए और उन्होंने ऋषि को वर मांगने के लिए कहा । ऋषि ने उन्हें बताया कि यहाँ पे बहुत सालों से वर्षा नहीं हुई कृप्या करके यहाँ पर बारिश करवा दीजिए तो देवता ने कहा कि मैं सृष्टि के विरुद्ध नहीं जा सकता हाँ लेकिन तुम्हारे लिए में एक काम कर सकता हूँ तुम यहाँ पर एक गड्ढा खुदवा दो में उसमें क्षय नहीं होने वाला पानी भर दूंगा । Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
गौतम ऋषि ने ऐसा ही किया और उस क्षेत्र में पानी हो गया कुछ दिनों बाद वहाँ पर पशु पक्षी और आदमी लोग वापस रहने लगे और चारो तरफ हरियाली ही हरियाली हो गई। एक बार उनकी पत्नी अहिल्या और बाकी ऋषियों की पत्नियों में लड़ाई हो गई लड़ाई के कारण ऋषि मुनियों ने गणेश जी की आराधना की और उनको कहा कि हमें ऐसा वरदान दीजिए कि हम महृषि गौतम को नीचा दिखा सके । गणेशजी ने उन ऋषिमुनियों को कहा ही ये अनुचित बात है महृषि गौतम तुम बहुत ही अच्छे इंसान लेकिन ऋषि मुनियों ने उनको ऐसा कार्य करने के लिए अपनी इच्छा जतायी। गणेशजी वरदान के लिए बाध्य थे थे वो वहाँ से अंतर्ध्यान हो गए। गणेश जी ऋषि गौतम के आश्रम में एक दुर्बल गाय बनकर पहुंचे मेसी ने गाय को देखा और उसे चारा खिलाने लगे चारे के तीन के खाते ही गाय मर गयी। पास में ही छुपे हुए ऋषि मुनि वहाँ आ गएऔर सारा पाप ऋषि गौतम पर मढ दिया और उन्हें वहाँ से चले जाने के लिए कहा। ऋषि गौतम अपनी पत्नी अहिल्या के साथ वहाँ से निकल गए और पास में एक आश्रम बनाकर रहने लगे लेकिन बाकी ऋषि मुनि वहाँ पर भी आ गये और उन्हें पश्चाताप करने के लिए कहने लगे ।ऋषि मुनियों ने उन्हें कहा कि आप ब्रह्म पर्वत के 100 चक्कर लगाए और गंगा को यहाँ लाए तो ही आपका पश्चाताप हो सकता है ऋषि ने यह स्वीकार किया और अपनी पत्नी सहित शिवजी की आराधना शुरू कर दी । आराधना से प्रसन्न होकर शिव जी प्रकट हुए और ऋषि को वर मांगने के लिए कहा उन्होंने क्षमायाचना मांगी और गंगा को पृथ्वी पर आने के लिए कहा। शिव शंकर भोले नाथ ने गंगा को बुलाया और कल युग तक यही रहने के लिए कहा।गंगा ने कहा कि प्रभु अगर आप भी यहीं रहते हो तो मैं भी आ रहे जाऊंगी इस प्रकार अम्बिकेश्वर महादेव गंगा जी के साथ विराजमान हुए । Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
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9 वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग:
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भगवान शिव का ये ज्योतिर्लिग झारखंड में स्थित है। शिवपुराण के अनुसार लंकापति रावण हिमालय पर जाकर भगवान शिव की आराधना करने लगा। कई दिनों तक तपस्या करने के बावजूद भगवान शिव लंकापति रावण से प्रसन्न नहीं हुए तो रावण ने वहाँ पर एक अग्नि कुंड बनाकर उसमें शिवलिंग की स्थापना कर दी । भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रावण ने अपने नो सिर एक एक करके बलि चढ़ा दिए जैसे ही उसने दसवां सिर काटने के लिए तलवार उठायी भगवान शिव अवतरित हो गए । भगवान शिव ने रावण के नो सिर भी वापस जोड़ दिए और उसे वर मांगने के लिए कहा रावण ने अग्निकुंड के शिवलिंग को अपने राज्य में ले जाने के लिए अनुमति मांगी। भगवान शिव इस पर राजी हो गए और कहाँ कि तुम इसे ले जा सकते हो परन्तु रास्ते में इसे अगर तुमने कही उतार दिया तो यह वहीं स्थापित हो जाएगा लंकापति रावण ने ये शर्त मान ली और वहाँ से शिवलिंग को लेके निकल पड़ा। चलते चलते जब बहुत देर हो गयी तो रावण को लघुशंका हुई उसने आसपास देखा तो एक गवाला दिखाई दिया रावण ने शिवलिंग उसे थमा दिया और लघुशंका के लिए चला गया इधर गवाले को शिवलिंग का वजन धीरे धीरे ऐसा महसूस हुआ कि वजन बढ़ रहा हूहो तो उसने शिवलिंग वही नीचे रख दिया । कुछ देर बाद जब रावण वापस आया तो शिवलिंग को वहाँ देखा और उसे उठाने की कोशीश करें लेकिन वह असफल रहा अंततः रावण ने शिवलिंग पर अपने अंगूठे का निशान बनाया और वहाँ से चला गया बाद में यह शिवलिंग वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंगों के नाम से जाना गया। Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
10 नागेश्वर ज्योतिर्लिंग :
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नागेश्वर ज्योतिर्लिग गुजरात के द्वारकाधीश से लगभग 25 किलोमीटर दूर पर स्थित है। एक बार एक बहुत ही सज्जन वेश्या जिसका नाम सुप्रिय था वह नाव में बैठकर कहीं जा रहा था उसे दारु क नाम के एक राक्षस ने पकड़ लिया और बंदी बना लिया कारागृह में सुप्रिय ने शिव की स्थापना करें और पूजा अर्चना करने लगा ये बात जब दारु को पता चली तो वो अपने गणों के साथ कारागृह में आ गया और उसे धमकी देने लगा सुप्रीम ने शिव जी की आराधना की और कहा कि हे प्रभु मुझे बचाइए शिव जी प्रकट हुए और वहाँ पर एक शिवलिंग की स्थापना होगी ये शिवलिंग नागेश्वर ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा गया। Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
11 रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग :
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रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामेश्वर जगह पर स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग का निर्माण प्रभू श्रीराम ने किया था । जब सीता मैया को रावण उठाकर ले गया था तो राम जी रामेश्वर जगह पर गए और वहाँ से लंका को देखा तो उन्हें लगा कि यह दूरी बहुत अधिक है । सोच विचार कर रहे थे तो उन्हें पानी की प्यास लगी पानी पीने के लिए जैसे ही उन्होंने हाथ बढ़ाया तो उन्हें स्मरण आया कि आज उन्होंने अपने आराध्य देव शिवजी की पूजा नहीं की उन्होंने वही एक पार्थिव शिवलिंग की स्थापना की और उसकी पूजा अर्चना कर उनसे जीत के लिए आशीर्वाद मांगा । बाद में ये शिवलिंग रामेश्वरम ज्योतिर्लिग कहलाया , यहाँ पर बहुत बड़ा शिवलिंग है । Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
12 घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग :
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महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में दौलताबाद से महज 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । शिवपुराण में ऐसा बताया गया है कि सुधर्मा नामक ऋषि अपनी पत्नी के साथ रहा करते थे लेकिन उनके कोई संतान नहीं थी इस वजह से परेशान उनकी पत्नी ने 1 दिन सुधर्मा को बोला कि आप मेरी बहन से शादी कर लीजिये और उसकी जिद्द करने लगी अंतत सुधर्मा ने घुष्मा नामक लड़की से शादी कर ली घुष्मा की बहन ने उसे पुत्र प्राप्ति के लिए रोजाना शिवलिंग की पूजा अर्चना करने के लिए कहा। घुष्मा रोजाना शिवलिंग बनाती उसकी पूजा अर्चना करती और उसे पास ही की नदी में प्रवाहित कर देते हैं कुछ समय पर शाह घुष्मा के लड़के ने जन्म लिया समय बीत गया और उसकी शादी हो गई । घुष्मा की बहन इस चीज़ से थोड़ी परेशान रहने लगी और उसमें 1 दिन लड़के को मार दिया और उसके अंग उसी नदी में प्रवाहित कर दिए । दूसरे दिन सुबह सुधर्मा और घुष्मा शिवजी की आराधना करने में लीन थे इतने में बहू ने बताया कि उनके लड़के की मौत हो गयी लेकिन वो दोनों आराधना में लीन रहे आराधना के बाद रोजाना की तरह शिवलिंग को उसने नदी में प्रवाहित कर दिया नदी किनारे घुष्मा को अपना बेटा दिखाई दिया इतने में शिव जी प्रकट हुए और उसकी बहन को उसके बेटे का दोषी बताया और मौत की सजा देने का निर्णय लिया लेकिन घुष्मा ने इसके लिए मना कर दिया शिवजी इससे प्रसन्न हुए और वरदान मांगने के लिए कहा। घुष्मा ने कहा प्रभू अगर आप मुझसे प्रसन्न है तो आप यही रह जाइये और मेरे नाम से आपको जाना जाये ये ही मेरी इच्छा है और वो ही हुआ इसी वजह से इस जगह का नाम घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग कहलाया । Top Jyotirlinga To Visit in India in Hindi
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